ट्रेडमार्क की दुनिया में कई बार वे चिन्ह या नाम अस्वीकृत हो जाते हैं जो जनता को भ्रांति में डाल सकते हैं या उसे गुमराह कर सकते हैं। सबसे पहले तो यही समझिए कि ऐसा होता कैसे है?
अगर किसी प्रकार का चिन्ह या नाम ऐसा होता है जो आपको किसी और वस्तु, सेवा या व्यापार की याद दिलाए बिना ही आपको उस पर विश्वास करने पर मजबूर कर दे, तो वह भ्रांतिकर या गुमराह करने वाला होता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई भाईसाहब 'एप्पल' नाम से फल की दुकान खोलें और अपने आप को 'Apple' नाम से ब्रांड करना चाहें, तो यह धोखाधड़ी मानी जाएगी। क्योंकि 'Apple' पहले से ही एक मशहूर टेक कंपनी का नाम है और लोग इसे मोबाइल फोन और कंप्यूटर से जोड़ते हैं, न कि फल से।
ट्रेडमार्क अधिकारियों का मुख्य काम यही है कि जनता को गुमराह होने से बचाया जाए। जब भी ऐसा महसूस होता है कि कोई ट्रेडमार्क भ्रांतिकर हो सकता है, वह अस्वीकृत हो जाता है। लेकिन ये भी सही है कि सभी व्यापारी जानबूझकर धोखाधड़ी वाले ट्रेडमार्क नहीं चुनते। कई बार उन्हें लगता है कि उनका नाम यूनिक है, लेकिन जनता के लिए वो गुमराह करने वाला हो सकता है।
ब्रांडीग में होशियारी, पर धोखा नहीं
जब भी ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया जाए, तो ध्यान रहे कि वह भ्रांतिकर या गुमराह करने वाला न हो। इससे व्यापार की सही पहचान को संरक्षित किया जा सकता है और जनता का भी विश्वास बना रहता है।
1. गलत विवरण या दावा (False Description or Claim)
ट्रेडमार्क जो उत्पादों या सेवाओं के मूल, गुणवत्ता, या विशेषताओं के बारे में उपभोक्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने का संकेत देते हैं, अस्वीकृत हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक कंपनी अपने स्नैक फूड्स के लिए "PureOrganic" शब्द का इस्तेमाल करना चाहती है, लेकिन वास्तव में, ये स्नैक्स ऑर्गेनिक नहीं हैं और इनमें सिंथेटिक सामग्री शामिल है। ऐसे मामलों में, ट्रेडमार्क ऑफिस इसे "Deceptive Trademark" के आधार पर अस्वीकृत कर देगा।
2. गलत समर्थन या संबंध (False Endorsement or Affiliations)
जब ट्रेडमार्क या उत्पाद का गलत समर्थन या संबंध दिखाया जाता है, जिससे उपभोक्ता को गुमराह किया जा सकता है, तब यह अस्वीकृत हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी अपने नए ड्रिंक के लिए ट्रेडमार्क के साथ "अमिताभ बच्चन की पसंद" लिखती है, लेकिन अमिताभ बच्चन ने कभी ऐसा समर्थन नहीं किया है। इससे उपभोक्ता गुमराह हो सकते हैं और यह ट्रेडमार्क पंजीकरण में समस्या पैदा कर सकता है।
3. भौगोलिक संकेतक (Geographical Indications)
वे ट्रेडमार्क जो निश्चित भौगोलिक स्थलों या क्षेत्रों के नामों का उपयोग ऐसे तरीके से करते हैं, जिससे उपभोक्ता गुमराह हो सकते हैं, वे भी अस्वीकृत हो सकते हैं। जैसे कि एक कंपनी अपने चाय उत्पादों के लिए "Darjeeling Teas" ट्रेडमार्क को पंजीकृत करने का प्रयास करती है, लेकिन वास्तव में यह चाय भारत के दार्जीलिंग क्षेत्र से नहीं आई है। दार्जीलिंग अपनी उच्च गुणवत्ता वाली चायों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे मामलों में, ट्रेडमार्क कार्यालय इसे "Geographical Indications के उल्लंघन" के आधार पर अस्वीकृत कर देगा।
4. गलत तुलना (Misleading Comparison to Competitor)
जब ट्रेडमार्क या उत्पाद के बीच गलत तरीके से तुलना की जाती है, जिससे उपभोक्ता गुमराह हो सकते हैं कि यह उत्पाद उसके प्रतिस्पर्धी से बेहतर है, तब यह अस्वीकृत हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी अपने बिस्कुट के लिए ट्रेडमार्क के साथ "दुनिया के सबसे स्वादिष्ट बिस्कुट" लिखती है, और उसके पैकेजिंग पर अपने प्रतिस्पर्धी के बिस्कुट के साथ तुलना करती है। इस प्रकार की तुलना भी ट्रेडमार्क पंजीकरण में समस्या पैदा कर सकती है।
निष्कर्ष
तो भैया, अगर आप भी अपने ब्रांड का नाम रखने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वो ना तो गुमराह करने वाला हो और ना ही धोखाधड़ी वाला। सही ट्रेडमार्क चुने और जनता का भरोसा जीतें, क्योंकि धोखा देने वालों का फायदा केवल कुछ ही समय का होता है। सही रास्ता अपनाएं और लम्बी रेस के घोड़े बनें।
Bindu Soni
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