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Compliance Calendar: नई कंपनी के लिए लीगल और बिजनेस स्मार्टनेस का मंत्र

Compliance Calendar: नई कंपनी के लिए लीगल और बिजनेस स्मार्टनेस का मंत्र

"अनुपालन कैलेंडर न केवल कानूनी आवश्यकता है, यह व्यवसायिक समझदारी भी है।"

नई कंपनी खोलना मतलब सिर्फ़ बोर्ड पर नया नाम लिखना नहीं है, बल्कि ये एक जिम्मेदारी का सागर है जिसमें कई तरह के अनुपालन (compliance) की लहरें आती रहती हैं। जैसे ही कंपनी बनी, आपको ROC, GST, Income Tax और Professional Tax की compliance की जिम्मेदारी अपने सिर लेनी पड़ती है। ये सब सुनने में बड़ा सिरदर्द लगता है, लेकिन जब आप एक systematic compliance calendar बना लेते हैं, तो चीज़ें आसान हो जाती हैं।

 

चलो, एक-एक करके देखते हैं कि इन compliances का क्या मतलब है और इनका सही तरीके से पालन कैसे करें।

ROC Compliances: कंपनी की लाइफलाइन

ROC का मतलब Registrar of Companies होता है, जो आपकी कंपनी के registration और उसके बाद की सभी गतिविधियों को मॉनिटर करता है। हर कंपनी को सालाना कुछ जरूरी जानकारी और दस्तावेज़ ROC को देने होते हैं। इसमें कंपनी की कमाई, खर्चे, directors और shareholders की जानकारी वगैरह शामिल हैं। सोचो, ये सब एक वार्षिक रिपोर्ट (annual report) की तरह है जो आप सरकार को देते हैं।

अगर ये सब सही समय पर नहीं किया, तो जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए, साल का एक दिन तय कर लो जब ये सब documents एकत्रित कर के ROC को भेजने हैं।

 

GST Compliances: हर महीने का राग

GST यानी Goods and Services Tax, जो हर बिजनेस पर लागू होता है जो एक निश्चित रकम से ज्यादा कमाई करता है। इसमें हर महीने या तिमाही GST return file करना होता है।

जीएसटी फाइलिंग का मतलब है कि आपके द्वारा बेची गई सेवाओं या सामानों पर लगाए गए tax की जानकारी देनी होती है। साथ ही, आपको अपने खरीदे गए सामानों पर दिए गए GST की जानकारी भी देनी होती है।

एक compliance calendar में हर महीने की 20 तारीख़ को GST filing का reminder सेट कर लो। इससे न समय पर filing होगी, न जुर्माना लगेगा।

 

Income Tax Compliances: कमाई का सही हिसाब

कंपनी की कमाई पर जो tax लगता है, वो Income Tax कहलाता है। इनकम टैक्स कम्प्लायंस का मतलब है कि आपकी कंपनी जितना कमा रही है, उसका सही हिसाब रखना और समय पर टैक्स भरना।

TDS यानी Tax Deducted at Source, वो tax है जो कंपनी अपने employees या vendors को payment करते समय पहले ही काट लेती है। इसके लिए tax return file करना, TDS की details जमा करना, और समय-समय पर tax से जुड़े दस्तावेज़ सरकार को देना शामिल है।

यहाँ भी, एक compliance calendar में सालाना tax filing की तारीख़ और quarterly TDS returns की तारीख़ को mark कर लो।

 

Professional Tax Compliances: राज्य सरकार का टच

Professional Tax वो tax है जो राज्य सरकार उन professionals पर लगाती है जो कमाई करते हैं, जैसे डॉक्टर, वकील, accountant।

अगर आपकी कंपनी में employee हैं और उनकी salary एक निश्चित सीमा (हर राज्य में अलग-अलग) से ज्यादा है, तो आपको भी ये tax देना पड़ेगा। ये tax हर महीने या सालाना आधार पर जमा करना होता है।

प्रोफेशनल टैक्स की रकम और जमा करने की तारीख हर राज्य में अलग-अलग होती है। जैसे, Karnataka, Bihar, West Bengal, Andhra Pradesh, Telangana, Maharashtra, Tamil Nadu, Gujarat, Assam, Kerala, Meghalaya, Odisha, Tripura, Madhya Pradesh, Jharkhand, Sikkim और Mizoram में ये tax लागू होता है।

 

सब कुछ एक जगह: Compliance Calendar बनाएं

अब, इतने सारे compliances को manage करना सिरदर्द लग सकता है, लेकिन एक systematic compliance calendar बना लेने से ये काम आसान हो जाता है।

 

Compliance Calendar बनाने के स्टेप्स:

  1. सभी महत्वपूर्ण तारीखें लिखें: ROC, GST, Income Tax और Professional Tax की filing dates को लिख लें।

  2. Reminders सेट करें: इन तारीखों से कुछ दिन पहले reminders सेट कर लें ताकि कोई due date miss न हो।

  3. Documents एकत्रित करें: सभी जरूरी documents को एक जगह सुरक्षित रखें।

  4. Professional Help लें: अगर compliances बहुत जटिल लगते हैं, तो किसी professional की मदद लें।

 

लाभ:

  • Legal Compliance: सभी legal requirements का पालन सही समय पर होता है।

  • Organizational Transparency: कंपनी के सभी financial records साफ़ और transparent रहते हैं।

  • Financial Discipline: नियमित compliance से financial discipline भी बना रहता है।

 

निष्कर्ष

अनुपालन कैलेंडर न केवल कानूनी आवश्यकता है, बल्कि यह व्यवसायिक समझदारी भी है। इससे कंपनी को न केवल कानूनी अनुपालन में मदद मिलती है, बल्कि यह संगठनात्मक पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन भी सुनिश्चित करता है।

तो दोस्तों, compliance की इस भूलभुलैया से न घबराएं, बल्कि एक systematic calendar बनाएं और अपने बिजनेस को smoothly चलाएं।

ध्यान रखें, सही समय पर सही जानकारी देना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि smart business strategy भी है।

15 Jul

Bindu Soni
Bindu Soni

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