ग्राहक की जरूरत को जाने बिना, बिक्री अधूरी है
Customer Funnel का तीसरा पड़ाव: Need Assessment Stage
आप चाहे किसी भी बिज़नेस में हों, एक बात हमेशा याद रखें - जब तक आप अपने ग्राहक की जरूरतों को अच्छे से नहीं समझते, आपकी बिक्री कभी पूरी नहीं होती। अब हम बात कर रहे हैं Customer Funnel के तीसरे पड़ाव की, जिसे हम "Need Assessment Stage" कहते हैं। ये वो स्टेज है जहाँ आपको अपने ग्राहक की जरूरतों का पोस्टमार्टम करना होता है।
आपका काम यहाँ सिर्फ अपना प्रोडक्ट या सर्विस ठेलना नहीं होता, बल्कि ये समझना होता है कि आपका ग्राहक exactly क्या चाहता है, क्या उसकी प्रॉब्लम्स हैं, और आप कैसे उसकी लाइफ आसान बना सकते हैं।
Customer की बात सुनें, Problem समझें
सबसे पहले तो आपको customer से सही ढंग से interact करना आना चाहिए। यह स्टेज आपको ये समझने का मौका देती है कि आपका ग्राहक किस चीज़ से परेशान है, उसकी problems क्या हैं, और वो किन challenges से जूझ रहा है।
Customer से सीधी बातचीत (One-on-One Interaction), surveys, feedback forms जैसे तरीके इसमें आपकी बड़ी मदद कर सकते हैं। अगर आप अपना काम online करते हैं, तो ऑनलाइन surveys, polls भी बढ़िया tools हो सकते हैं। Key point यही है कि आपको customer से लगातार बात करनी है ताकि उसकी real need आपके radar पर आ जाए।
अब बात करते हैं कि यह स्टेज इतनी जरूरी क्यों है। मान लीजिए आप फिटनेस से जुड़ी कोई सर्विस बेचते हैं। तो क्या हर कोई एक ही तरह का वर्कआउट प्लान चाहेगा? बिल्कुल नहीं! आपको समझना पड़ेगा कि आपके ग्राहक का fitness level क्या है, उसकी लाइफस्टाइल कैसी है, और वो किस तरह का प्लान follow कर सकता है। तब ही आप उसे सबसे सही प्लान recommend कर पाएंगे।
इसी तरह अगर आप कोई online educational course बेच रहे हैं, तो हर learner की learning style अलग होती है। कोई वीडियो से ज्यादा सीखता है, तो कोई लिखकर। किसी को 10 मिनट में सारी बातें समझ में आ जाती हैं, तो किसी को गहराई से जानने में मजा आता है। इन सब पहलुओं को समझना जरूरी है ताकि आपका कोर्स उनके लिए सही बैठे।
भरोसा बनाइए, सवालों का जवाब दीजिए
इस स्टेज में एक और बड़ी चीज़ है – भरोसा। जब आप customer से जुड़ते हैं और उसके सवालों के अच्छे से जवाब देते हैं, तो वो आप पर भरोसा करने लगता है। वो समझता है कि आप सिर्फ बेचने के लिए नहीं, बल्कि उसकी मदद करने के लिए यहाँ हैं।
Example के लिए, अगर कोई व्यक्ति आपके पास अपना मोबाइल ठीक कराने आता है, और आप उसे पूरी जानकारी के साथ समझाते हैं कि क्या खराब हुआ है, कैसे ठीक होगा, और इसके लिए कितनी cost आएगी – तो वो आपके साथ एक connection महसूस करेगा। और यही connection उसे खरीदारी के अगले स्टेज में लेकर जाता है।
Consulting Team: सेल्स नहीं, कंसल्टिंग
अब Customer Funnel के इस स्टेज में सबसे बड़ा रोल निभाती है आपकी Consulting Team। इसे कई लोग सेल्स टीम भी कहते हैं, लेकिन ध्यान दीजिए कि यहाँ ‘सेल्स’ से ज्यादा ‘कंसल्टिंग’ की बात हो रही है।
क्यों?
क्योंकि आपका मकसद सिर्फ चीजें बेचना नहीं होना चाहिए, बल्कि वो बेचना होना चाहिए जिसकी customer को जरूरत है। Consulting Team का काम यही होता है कि वो ग्राहक की जरूरतों को गहराई से समझे और उसके हिसाब से सही solution दे। ये लोग सिर्फ प्रोडक्ट बेचने के चक्कर में नहीं होते, बल्कि ग्राहक के सवालों का जवाब देने और उसकी दिक्कतों का सही हल निकालने में मदद करते हैं।
Consulting Team आपके बिज़नेस के backbone की तरह होती है, क्योंकि ये customer के साथ भरोसे का रिश्ता बनाती है। ग्राहक जब यह महसूस करता है कि आप उसकी जरूरतों को समझ रहे हैं, तो वो आपके ब्रांड से loyalty दिखाता है।
Proposal या Quotation: बिना झोल के, क्लियर बातें
अब आते हैं अगली अहम चीज़ पर - Proposal या Quotation। जब भी ग्राहक के साथ डीलिंग होती है, तो जरूरी है कि उसे सही और साफ-सुथरी जानकारी दी जाए। Proposals या quotations उसी के लिए होते हैं।
इनमें आप ग्राहक को detail में बताते हैं कि आप क्या ऑफर कर रहे हैं, उसकी कीमत क्या होगी, और वो इस डील से क्या पाएगा। इससे ग्राहक को पता रहता है कि वो कितने का सौदा कर रहा है, और उसे अपने पैसे का सही मूल्य मिल रहा है या नहीं। जब सब कुछ crystal clear होता है, तो decision-making भी आसान हो जाती है।
Package Deals: Value for Money
अब बात करते हैं Packages या Bundle Offers की। अगर आप एक से ज्यादा प्रोडक्ट या सर्विसेज़ ऑफर करते हैं, तो इसे bundle में बेचने का तरीका काफी असरदार हो सकता है।
कई बार जब आप अलग-अलग चीज़ें मिलाकर एक पैकेज बनाते हैं, तो ग्राहक को लगता है कि उसे extra value मिल रही है। जैसे मान लीजिए आप फिटनेस के साथ-साथ न्यूट्रीशन प्लान भी ऑफर कर रहे हैं। अगर आप दोनों को एक combo पैकेज में देते हैं, तो ग्राहक को यह महसूस होता है कि उसे एक अच्छा deal मिल रहा है।
इससे customer की loyalty बढ़ती है और वो आपके साथ लंबे समय तक जुड़ा रहता है। आखिरकार, who doesn’t love a good deal?
Upsell Techniques: और भी कुछ बेचने की कोशिश करो
अब जब आपका ग्राहक आपके साथ जुड़ गया है, तो उसे कुछ extra value देने की कोशिश करना भी एक अच्छी स्ट्रैटेजी हो सकती है। इसे Upselling कहा जाता है।
मान लीजिए कोई व्यक्ति आपसे एक नया मोबाइल खरीद रहा है। तो आप उसे मोबाइल के साथ एक अच्छे mobile cover या wireless earphones भी offer कर सकते हैं। इससे आपकी sale तो बढ़ेगी ही, साथ ही customer को भी लगेगा कि वो एक complete package खरीद रहा है।
Upselling की एक और अच्छी बात ये है कि इससे customer को और बेहतर experience मिलता है। वो समझता है कि आपने उसकी जरूरत को ध्यान में रखकर उसे बेहतर ऑप्शन दिए हैं, जो उसकी life को और आसान बना सकते हैं।
Need Assessment Stage: Customer के साथ संबंधों की नींव
इस Need Assessment Stage को अच्छे से निभाना बेहद जरूरी है। जब आप ग्राहक की जरूरतों को सही ढंग से समझते हैं, उसे उसके सवालों का सही और स्पष्ट जवाब देते हैं, और उसे value for money का experience कराते हैं, तो आप उसके साथ एक मजबूत connection बना लेते हैं।
यह स्टेज आपको और आपके ग्राहक को उस मुकाम पर ले जाती है जहाँ ग्राहक आपके प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने का फैसला लेता है। यही वह stage है जहाँ से आपकी सफलता की असली शुरुआत होती है।
तो अगली बार जब आप अपनी सेल्स स्ट्रैटेजी पर काम कर रहे हों, तो इस स्टेज को हल्के में मत लेना। याद रखिए – ग्राहक की जरूरत को जाने बिना, बिक्री अधूरी है।
Bindu Soni
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