हर कामयाब इंसान की एक पहचान होती है और हर पहचान की एक कहानी। ट्रेडमार्क भी एक पहचान है, जो आपके बिजनेस की कहानी कहता है। लेकिन जब इसी पहचान की नकल होती है, तो असली उपलब्धियों का स्वाद मिट जाता है।
हर ट्रेडमार्क को पंजीकृत होने से पहले उसे एक सख्त जाँच से गुजरना पड़ता है और इसी जाँच में, अगर आपका चुना हुआ ट्रेडमार्क पहले से मौजूद किसी अन्य ट्रेडमार्क से मिलता-जुलता पाया जाता है, तो आपका ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए अस्वीकृत कर दिया जाता है। अब सवाल उठता है कि यह समानता क्या है और इसका महत्व क्यों है?
सोचिए, आप एक नई कंपनी शुरू कर रहे हैं और आप चाहते हैं कि लोग आपकी कंपनी को उसके नाम और चिह्न से पहचानें। लेकिन अगर आपका चिह्न पहले से ही किसी और कंपनी से मिलता है, तो लोग कैसे पहचानेंगे कि कौन सा माल आपका है और कौन सा किसी और का? इसी तरह, जो कंपनी पहले से मौजूद है, उसे भी नुकसान हो सकता है। अगर आपका ट्रेडमार्क उसके ट्रेडमार्क से मिलता है, तो लोग भ्रांति में पड़ सकते हैं और वे सोच सकते हैं कि आपका प्रोडक्ट उसी पुरानी कंपनी का है। इससे उस पुरानी कंपनी की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
इसलिए, जब हम ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए अप्लाई करते हैं, तो उसकी जाँच की जाती है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यह पहले से मौजूद ट्रेडमार्क से समान या मिलता-जुलता नहीं है। यदि आपका ट्रेडमार्क किसी अन्य से बहुत अधिक मिलता है, तो आपको एक नया ट्रेडमार्क सोचना होगा। अब, कुछ लोग यह सोच सकते हैं कि अगर वे थोड़ा-सा बदलाव कर दें तो उनका ट्रेडमार्क पंजीकृत हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। यहाँ पर मुख्य बात यह है कि लोगों को भ्रांति नहीं होनी चाहिए। इसलिए, अगर आपका ट्रेडमार्क किसी अन्य से मिलता-जुलता है, तो आपको उसे पूरी तरह से बदलना होगा, ताकि भ्रांति का कोई मौका नहीं रहे।
बारीकियाँ और समानताएँ
1. संरचनात्मक समानता:
जब किसी ट्रेडमार्क का डिज़ाइन या संरचना पहले से रजिस्टर हुए ट्रेडमार्क से इतना मिलता-जुलता होता है कि एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता, तो उसे संरचनात्मक समानता कहते हैं। मान लीजिए, एक नई फर्नीचर कंपनी ने "WoodElegance" नाम पे ट्रेडमार्क के लिए अर्ज़ी दी है। पर यह नाम पहले से रजिस्टर हुए "ElegantWood" से मिल रहा है। इस समानता के कारण, ट्रेडमार्क कार्यालय इसे समानता के आधार पर अस्वीकृत कर सकता है।
सोचिए, आप फर्नीचर की एक शानदार दुकान खोलते हैं और उसका नाम रखते हैं "WoodElegance"। लेकिन जब आप ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए जाते हैं, तो पता चलता है कि पहले से ही "ElegantWood" नाम का ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड है। अब, दोनों नाम इतने मिलते-जुलते हैं कि उन्हें अलग करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, आपका ट्रेडमार्क रजिस्टर नहीं हो पाएगा।
2. दृष्टिगत समानता:
दृष्टिगत समानता" का सीधा मतलब है कि दो ट्रेडमार्क्स देखने में बहुत मिलते-जुलते होते हैं। जैसे, एक कंपनी ड्रोन बना रही है और उसका ट्रेडमार्क "FlyTech" है। अगर कोई दूसरा व्यक्ति "F1yTech" नाम से ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए आवेदन करता है जिसमें "Fly" और "F1y" दिखने में समान हैं, ट्रेडमार्क कार्यालय इसे दृष्टिगत समानता पर अस्वीकृत कर सकता है।
कल्पना कीजिए, एक कंपनी ने "FlyTech" नाम से ड्रोन के लिए ट्रेडमार्क रजिस्टर किया है। अब, कोई दूसरा व्यक्ति "F1yTech" नाम से ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाना चाहता है। दिखने में दोनों नाम लगभग समान हैं। ऐसे में, ट्रेडमार्क कार्यालय इसे अस्वीकृत कर देगा क्योंकि लोगों को दोनों में फर्क समझ में नहीं आएगा।
3. ध्वनिक समानता:
ध्वनिक समानता का सीधा मतलब है कि दो नाम सुनने में लगभग एक जैसे होते हैं। जैसे किसी ने पहले ही "AutoSpeed" नाम पे अपने व्यापार का नाम पंजीकृत कर रखा हो, और अगर कोई दूसरा व्यक्ति "AutoSpede" नाम से अपना व्यापार चालू करना चाहे तो उसे इजाजत नहीं मिलेगी। इसका मुख्य कारण यह है कि लोग दोनों नामों में अंतर नहीं पा सकते और उन्हें समझ में नहीं आयेगा कि दोनों अलग-अलग हैं। इससे उन्हें भ्रांति हो सकती है।
मिसाल के तौर पर, मान लीजिए किसी ने "AutoSpeed" नाम से अपने बिजनेस का नाम रखा है और ट्रेडमार्क भी रजिस्टर करवा लिया है। अब, आप "AutoSpede" नाम से अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। सुनने में दोनों नाम बिल्कुल एक जैसे हैं। ऐसे में, आपका ट्रेडमार्क रजिस्टर नहीं होगा क्योंकि इससे ग्राहकों में भ्रम पैदा हो सकता है।
4. सामान या सेवाओं की समानता:
समानता का आखिरी पहलू यह है कि सामान या सेवाओं की समानता। जब हम कोई नया ट्रेडमार्क रजिस्टर करने के लिए जाते हैं, तो वह पहले से मौजूद किसी अन्य चिन्ह के जैसा नहीं होना चाहिए। अगर यह बहुत ज्यादा मिलता-जुलता होता है, तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्री उसे मंजूरी नहीं देगी। उदाहरण स्वरूप, अगर कोई 'iFone' नाम के मोबाइल के लिए चिन्ह पंजीकृत करना चाहता है और वह नाम 'iPhone' जैसा लगता है, तो वह नाम पंजीकृत नहीं हो पाएगा।
सोचिए, आप एक नया मोबाइल ब्रांड लॉन्च करना चाहते हैं और उसे "iFone" नाम देना चाहते हैं। लेकिन "iPhone" नाम पहले से ही बाजार में मौजूद है और बहुत मशहूर भी है। ऐसे में, आपका नाम रजिस्टर नहीं हो पाएगा क्योंकि यह पहले से मौजूद नाम से बहुत मिलता-जुलता है।
निष्कर्ष
ट्रेडमार्क की नकल या समानता आपके व्यापार के लिए हानिकारक हो सकती है। नकल करने वालों को असली उपलब्धियों का स्वाद कभी नहीं आता, इसलिए अपना ट्रेडमार्क चुनते समय ध्यान रखें कि यह पूरी तरह से अनोखा और किसी भी मौजूदा ट्रेडमार्क से अलग हो।
Bindu Soni
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