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अपने व्यवसाय के लिए बेसिक अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप करें

अपने व्यवसाय के लिए बेसिक अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप करें

वित्तीय अनुशासन और लेखांकन की सटीकता आपके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है

एक नई कंपनी शुरू करने के बाद सबसे जरूरी काम होता है - अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप करना। ऐसा नहीं करने पर आप ना सिर्फ फाइनेंशियल ट्रैकिंग में पीछे रह जाएंगे, बल्कि कई तरह की लीगल परेशानियों में भी फंस सकते हैं। तो चलिए, इसे थोड़ा आसान बनाते हैं और समझते हैं कि कैसे एक बेसिक अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप किया जा सकता है।

 

Step 1: Cash Book - कैश का हिसाब-किताब

आपके बिजनेस में हर दिन कैश आता-जाता है, और उसका रिकॉर्ड रखना बहुत जरूरी है। Cash Book वो जगह है जहाँ आप अपने रोजाना के कैश लेन-देन का पूरा हिसाब रखते हैं। जैसे:

  • किसी ने आपको पैसे दिए

  • आपने किसी को पैसे दिए

यह बिजनेस की नकदी स्थिति को समझने का सबसे सरल तरीका है। इससे आपको पता चलता है कि कैश-फ्लो कैसा है और आपके बिजनेस में कितनी नकदी उपलब्ध है।

 

Step 2: Ledgers - बहीखाता

अब आते हैं Ledgers पर, जिसे हम अकाउंटिंग की दुनिया का राजा कह सकते हैं। यह एक तरह का बहीखाता होता है जिसमें सभी प्रकार के खाते रखे जाते हैं। किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में अगर एक खाते में कुछ माइनस होता है, तो वो दूसरे किसी खाते में प्लस होता है।

इन बही खातों से ही कंपनी को पता चलता है कि:

  • किसको क्या देना है

  • किससे क्या लेना है

इन्हीं बही खातों की समरी से वित्तीय वर्ष के अंत में ट्रायल बैलेंस, बैलेंस शीट और लाभ-हानि खाता तैयार किया जाता है।

 

Step 3: Sales & Purchase Ledger - बिक्री और खरीद का हिसाब

अब बात करते हैं Sales & Purchase Ledger की। आसान भाषा में समझें तो ये वो जगह है जहाँ आपकी कंपनी द्वारा बेची गई चीज़ों (Sales) और खरीदी गई चीज़ों (Purchase) का पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है। यहाँ पर हर बिक्री और खरीद की जानकारी विस्तार से दर्ज की जाती है, जैसे:

  • किस ग्राहक से कितना माल बेचा गया

  • किस सप्लायर से कितना सामान खरीदा गया

GST फाइलिंग और GST टैक्स क्रेडिट के लिए सही जानकारी देने के लिए, सबसे महत्वपूर्ण यही Ledgers होते हैं।

 

Step 4: Bank Statements & Vouchers Records - बैंक स्टेटमेंट्स और वाउचर्स

आपके बिजनेस का हर पैसा जो बैंक में आता-जाता है, उसका पूरा रिकॉर्ड Bank Statements में होता है। हर महीने के अंत में अपने सभी बैंक अकाउंट की स्टेटमेंट प्रिंटआउट निकाल कर फाइनेंशियल ईयर वाइज फोल्डर में Arrange करें। साथ ही, बैंक स्टेटमेंट की हर एंट्री को Explain करें।

वहीं, Vouchers वो रसीदें होती हैं जो आपके हर खर्चे का सबूत होती हैं। जैसे अगर आपने सामान खरीदा, तो उसकी रसीद। ये वाउचर्स आपके खर्चों को सही तरीके से दर्ज करने में मदद करते हैं।

 

Digital Accounting - मैन्युअल छोड़ो, डिजिटल अपनाओ

अगर आप मैन्युअल रूप से अकाउंटिंग नहीं करना चाहते, तो मार्केट में उपलब्ध विभिन्न Accounting Software आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। ये सॉफ्टवेयर न केवल लेन-देन को आसानी से रिकॉर्ड करते हैं, बल्कि वे आपको विभिन्न रिपोर्ट्स और विश्लेषण भी प्रदान करते हैं, जिससे आपको अपने वित्तीय प्रबंधन में मदद मिलती है।

एक अच्छा अकाउंटिंग सिस्टम आपको GST Returns और अन्य वित्तीय स्टेटमेंट्स को समय पर, सटीकता के साथ फाइल करने में भी सहायता करता है। कुछ पॉपुलर अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर हैं:

  • Tally ERP

  • QuickBooks

  • Zoho Books

ये सॉफ्टवेयर आपके सभी लेन-देन का ऑटोमेटिक रिकॉर्ड रखते हैं और आपको विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट्स जेनरेट करने में मदद करते हैं।

 

Final Thoughts - निष्कर्ष

तो दोस्तों, ये था एक बेसिक अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप करने का तरीका। याद रखें, एक अच्छा अकाउंटिंग सिस्टम न केवल आपके बिजनेस को व्यवस्थित रखता है, बल्कि आपको वित्तीय स्थिरता और ग्रोथ के नए रास्ते भी दिखाता है। तो देर किस बात की, आज ही अपने बिजनेस के लिए एक मजबूत अकाउंटिंग सिस्टम सेटअप करें और अपने वित्तीय प्रबंधन को आसान बनाएं।

और हां, अगर आपको अकाउंटिंग में कोई दिक्कत आए, तो अपने पार्ट-टाइम अकाउंटेंट या किसी एक्सपर्ट की मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं। आखिरकार, वित्तीय अनुशासन और लेखांकन की सटीकता आपके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है!

16 Jul

Bindu Soni
Bindu Soni

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