हर ग्राहक एक नई पहेली है, जिसे सुलझाना आसान नहीं, पर नामुमकिन भी नहीं।
आजकल का दौर ऐसा है कि हर जगह बस एक ही बात सुनने को मिलती है - Customer Funnel। अब ये क्या बला है? ज़्यादातर लोग सुनते तो हैं, लेकिन असल में इसका मतलब समझना थोड़ा मुश्किल है। कहने को तो ये एक मार्केटिंग टर्म है, लेकिन इसमें जो असली मसाला है, वो समझने के बाद ही पता चलता है कि कस्टमर को फ़नल में लाना असल में कितना बड़ा खेल है। इस लेख में हम बात करेंगे उन बड़ी-बड़ी चुनौतियों की, जो एक अच्छा कस्टमर फ़नल बनाने में सामने आती हैं।
अब शुरू करते हैं उन गाड़ियों को जो इस फ़नल को दौड़ाने में सबसे बड़ा रोड़ा हैं।
ध्यान खींचना – आसान नहीं है!
आजकल हर जगह ads की बमबारी हो रही है। Facebook से लेकर Instagram और YouTube तक, सब जगह आपको बस एक ही काम करना है - स्क्रॉल। स्क्रॉल करते-करते इंसान को समझ ही नहीं आता कि कौन सा ad कब दिखा और कब गया। यहाँ पर पहली चुनौती सामने आती है - लोगों का ध्यान खींचना। आपका ad इतना catchy होना चाहिए कि लोग दो पल के लिए रुकें और देखें, वर्ना आपके प्रोडक्ट का राम नाम सत्य हो जाएगा।
याद रखें, ज़माना content का है और अगर आपका content अलग नहीं होगा, तो आप भीड़ में कहीं खो जाएंगे।
भरोसा बनाना – सबसे बड़ी कसरत!
मान लीजिए किसी ने आपके प्रोडक्ट को देखा, लेकिन बस देखना काफी नहीं है। Trust आज की दुनिया का सबसे कीमती currency है। अगर आपका ब्रांड भरोसेमंद नहीं लगता, तो ग्राहक अगले ही पल दूसरी वेबसाइट पर चला जाएगा। लोग उन्हीं ब्रांड्स पर भरोसा करते हैं जिनके पास अच्छे रिव्यू और पॉजिटिव customer feedback होता है। तो, अगर आप लोगों का दिल जीतना चाहते हैं, तो पहले उनका भरोसा जीतिए।
अब इस भरोसे के लिए आपको चाहिए अच्छा product और उससे भी अच्छा customer service। लोग आपकी सर्विस के फैन हो गए तो समझिए आधी लड़ाई जीत गए।
सही कस्टमर तक पहुँचना – Needle in a Haystack!
आपके पास प्रोडक्ट है, ads हैं, लेकिन क्या सही लोग उसे देख रहे हैं? हर प्रोडक्ट का एक अपना ग्राहक वर्ग होता है। अगर आपका target audience ही गलत है, तो फिर कितना भी पैसा ads पर फूंक लो, कुछ फायदा नहीं होगा। सही कस्टमर तक पहुँचना मतलब जैसे सूई को भूसे के ढेर में ढूँढना।
इसलिए, आपको चाहिए market research। ये रिसर्च आपकी मदद करेगी सही customer persona समझने में, ताकि आपकी एनर्जी और पैसा सही जगह लगाया जाए।
प्रोडक्ट बिकना भी चाहिए – सिर्फ देखने से कुछ नहीं होता!
"देखा है, अच्छा लगा" पर रुकने से काम नहीं चलेगा। कस्टमर को सिर्फ आपका प्रोडक्ट पसंद आ जाना काफी नहीं है। उन्हें ये यकीन दिलाना ज़रूरी है कि आपके प्रोडक्ट से उनकी जिंदगी में कुछ value आएगी।
यहाँ पर आती है customer psychology की बात। ग्राहकों के मन में ये बात बैठा दीजिए कि आपका प्रोडक्ट उनके लिए फ़ायदेमंद है, और देखिए कैसे sales बढ़ती है। इसके लिए आपको थोड़ी persuasion techniques सीखनी पड़ेगी।
रिटेंशन – एक बार आ गए, तो बार-बार आएँ
मान लीजिए आपने कस्टमर को फ़नल में डाल दिया, उसने एक बार खरीद भी लिया। अब असली चुनौती शुरू होती है - उसे बार-बार खरीदारी के लिए लाना।
कहते हैं, New customers लाने से बेहतर है पुराने कस्टमर्स को दोबारा लाना। अगर आप उन्हें बार-बार value देते रहेंगे, तो वो आपके ब्रांड के साथ जुड़े रहेंगे। इसके लिए आप loyalty programs, discounts, और personalized offers जैसी चीज़ें कर सकते हैं।
नई तकनीकें और ट्रेंड्स के साथ तालमेल बिठाना
आजकल का मार्केट डिजिटल हो गया है। हर रोज़ नई तकनीकें आ रही हैं, नए trends सेट हो रहे हैं। अगर आप वक्त के साथ नहीं चलते, तो आप पीछे रह जाएंगे।
आपको ये समझना होगा कि डिजिटल मार्केटिंग के नए-नए तरीकों को अपनाने से ही आप मार्केट में टिक पाएंगे। यहाँ AI, Chatbots, और Social Media Campaigns की भूमिका बहुत बड़ी है। इन ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट रखिए, वरना आपका फ़नल कहीं गुम हो जाएगा।
तो, क्यों नहीं बना पाते सब लोग Customer Funnel?
अब जब इतनी बातें कर ली, तो ये सवाल उठता है कि जब सबको पता है कि कस्टमर फ़नल इतना जरूरी है, तो ज्यादातर लोग इसे क्यों नहीं बना पाते? आइए, अब इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं:
1. समझ की कमी:
बहुत सारे लोग समझते ही नहीं कि ग्राहक फ़नल असल में है क्या। उनके लिए ये बस एक वेबसाइट बना लेने या प्रोडक्ट दिखा देने जितना आसान लगता है। लेकिन, इसमें कस्टमर के मन की बात समझना, उसकी ज़रूरतें पहचानना और सही वक्त पर सही offer देना शामिल है।
2. संसाधनों की कमी:
एक बढ़िया कस्टमर फ़नल बनाने के लिए टेक्निकल टूल्स, मार्केटिंग की समझ और बजट चाहिए होता है। छोटे businesses के पास ये सब जुटाना हमेशा आसान नहीं होता। वो चाहकर भी बड़े प्लेयर्स के साथ मुकाबला नहीं कर पाते।
3. प्लानिंग और रणनीति की कमी:
कई लोग बिना सोचे-समझे फ़नल बनाना शुरू कर देते हैं। उनके पास ना तो कोई clear plan होता है, ना ही कोई रणनीति। नतीजा ये होता है कि कस्टमर तो आते हैं, लेकिन खरीदारी तक नहीं पहुँचते।
4. परिवर्तन से डर:
आखिरी और सबसे बड़ी चुनौती है बदलाव से डर। पुराने बिज़नेस हमेशा नई तकनीकों और मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज़ को अपनाने में हिचकिचाते हैं। वो पुराने तरीके से ही सब कुछ करना चाहते हैं, जो आज के दौर में काम नहीं करता।
निष्कर्ष
तो, अब आप समझ गए होंगे कि कस्टमर फ़नल डेवलप करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसमें कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन अगर आप इनसे निपटने के लिए तैयार हैं, तो यकीन मानिए, आपकी sales 10 गुना बढ़ सकती हैं। बस थोड़ा समझिए, थोड़ी मेहनत कीजिए और देखिए कैसे आपका फ़नल मस्ती में काम करेगा।
Bindu Soni
To start a new business is easy, but to make it successful is difficult . So For success, choose the best." Be compliant and proactive from the beginning and choose NEUSOURCE as your guidance partner.