निजी सीमित कंपनियों में निदेशकों का परिवर्तन कोई नई बात नहीं है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं और अक्सर ये बदलाव कंपनी के लिए नए अवसरों के द्वार खोलते हैं। यह बदलाव न केवल कंपनी के संचालन में नई ताजगी लाता है बल्कि इसके विकास की दिशा भी तय करता है।
क्यों बदलते हैं निदेशक?
पहला कारण है कंपनी की रणनीतिक पुनर्गठन की जरूरत। जब कंपनी को अपने व्यावसायिक लक्ष्यों में बदलाव करना होता है या नए बाजारों में कदम रखना होता है, तो नए विचार और नजरिए की जरूरत पड़ती है। ऐसे में नए निदेशकों को लाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
दूसरा कारण है प्रदर्शन में सुधार। अगर कंपनी की प्रगति में ठहराव आ गया हो या परिणाम गिर रहे हों, तो नए निदेशक नई ऊर्जा और कुशलता ला सकते हैं। वे अपने अनुभव और विशेषज्ञता से कंपनी की कार्यप्रणाली में नवाचार ला सकते हैं।
तीसरा कारण किसी संघर्ष का समाधान हो सकता है। कभी-कभार, निदेशक मंडल के सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद या संघर्ष हो जाते हैं। ऐसे में नए निदेशकों का चयन संघर्ष का समाधान और कंपनी की स्थिरता के लिए जरूरी हो जाता है।
निदेशकों का चयन और बदलाव कैसे होता है?
सबसे पहले, बोर्ड मीटिंग में शेयर धारकों की साधारण सभा बुलाने का प्रस्ताव पास होता है, जहां निदेशक की नियुक्ति की जा सकती है। प्रस्तावित निदेशक को कंपनी को DIR-2 फॉर्म में अपनी सहमति देनी होती है। हर निदेशक के पास एक निदेशक पहचान संख्या (DIN) और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (DSC) होना चाहिए। कंपनी को निदेशक की नियुक्ति के 30 दिनों के अंदर कंपनी रजिस्ट्रार को फॉर्म MGT-14, DIR-2 और DIR-12 जमा करवाना होता है।
कौन नहीं बन सकता निदेशक?
जो व्यक्ति अयोग्य घोषित हो चुका हो, वह निदेशक नहीं बन सकता। अयोग्यता के कई कारण हो सकते हैं:
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दिवालियापन का सामना कर रहे व्यक्ति
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मानसिक रूप से स्वस्थ न हो
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किसी अपराध के लिए सजा हो चुकी हो, खासकर बेईमानी या फ्रॉड से संबंधित
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कंपनी कानून के नियमों का उल्लंघन किया हो
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जिनकी उम्र 21 साल से कम हो
निदेशक का इस्तीफा
निदेशक को सबसे पहले कंपनी को लिखित में अपने इस्तीफे का नोटिस देना होता है। यह नोटिस मिलने पर कंपनी के बोर्ड को इस पर विचार करना होता है। कंपनी को इस इस्तीफे की सूचना रजिस्ट्रार को Form DIR-12 के माध्यम से 30 दिनों के भीतर देनी होती है। निदेशक को भी अपने इस्तीफे के दिन से 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रार के पास Form DIR-11 दाखिल करना होता है।
निदेशक की हटावट
कंपनी के पास एक EGM (Extraordinary General Meeting) में साधारण संकल्प पारित करके किसी निदेशक को हटाने का अधिकार है। सबसे पहले, बोर्ड मीटिंग में शेयर धारकों की EGM बुलाने का प्रस्ताव पास होता है। अगर EGM में बहुमत से निदेशक को हटाने का संकल्प पारित होता है, तो इसकी सूचना रजिस्ट्रार को Form DIR-12 के माध्यम से 30 दिनों के भीतर देनी होती है। निदेशक को भी ऐसे संकल्प के पारित होने के दिन से 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रार के पास Form DIR-11 दाखिल करना होता है। इसके अलावा, अगर कोई निदेशक लगातार 12 महीने तक बोर्ड की बैठक में उपस्थित नहीं होता, तो माना जाएगा कि उसने अपना पद खाली कर दिया है और इसकी सूचना रजिस्ट्रार को Form DIR-12 के माध्यम से 30 दिनों के भीतर देनी होगी।
निदेशक परिवर्तन का फायदा
निदेशकों का बदलाव कंपनी की प्रगति और विकास को सुनिश्चित करने के लिए होता है। नए निदेशक अपने नए विचारों, अनुभवों और दृष्टिकोणों के साथ कंपनी को नई दिशा देने में सक्षम होते हैं। इस तरह, निदेशकों का परिवर्तन न केवल कंपनी के लिए, बल्कि उसके स्टेकहोल्डर्स, कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद होता है।
कंपनी में निदेशक बदलना कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है, लेकिन सही ढंग से किया जाए तो यह कंपनी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
तो दोस्तों, यह था निदेशकों के बदलाव का खेल, जो कभी तनावपूर्ण हो सकता है लेकिन अंत में यही परिवर्तन कंपनी को नई ऊँचाइयों तक ले जाता है। अगर आप भी कंपनी चला रहे हैं या चलाने की सोच रहे हैं, तो इन बारीकियों को समझना और सही समय पर सही निर्णय लेना बेहद जरूरी है।
Bindu Soni
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