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ग्राहक को बार-बार लौटने के लिए कैसे प्रेरित करें?

ग्राहक को बार-बार लौटने के लिए कैसे प्रेरित करें?

"बेच देना तो कोई भी कर लेगा, पर खरीदारी के बाद ग्राहक की याद रखना, वो असली मास्टरस्ट्रोक है।"

अब तक आपने अपनी प्रोडक्ट या सर्विस बेच दी, बढ़िया काम किया! पर क्या आपने सोचा है कि असली खेल तो यहां से शुरू होता है? हां, सही पढ़ा आपने। ग्राहक को कुछ बेच देने के बाद भी खेल खत्म नहीं होता, बल्कि ये तो सिर्फ शुरुआत है। इस स्टेज को हम 'पोस्ट-परचेज स्टेज' कहते हैं और ये किसी भी बिज़नेस के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना पहले कोई सामान बेचना। अगर आप चाहते हैं कि आपके ग्राहक सिर्फ एक बार न आएं बल्कि बार-बार लौटें, तो आपको इस स्टेज पर ध्यान देना ही होगा।

 

तो चलिए, बात करते हैं कि पोस्ट-परचेज स्टेज में कौन से ऐसे काम हैं जो आपके बिज़नेस को ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं और ग्राहकों को आपका फैन बना सकते हैं।

1. डिलीवरी का जादू: टाइम पर और सही सलामत

सोचिए, आपने ऑनलाइन ऑर्डर किया और वह प्रोडक्ट देर से पहुंचे, ऊपर से टूटा हुआ हो। गुस्सा आएगा न? जाहिर सी बात है, यही गुस्सा आपके ग्राहक को भी आ सकता है। अगर आपकी डिलीवरी टाइम पर और बिना किसी नुकसान के होगी, तो ग्राहक संतुष्ट रहेगा और खुश भी। इससे आपके ब्रांड के प्रति उनका विश्वास और वफादारी बढ़ती है।

इसलिए डिलीवरी को टाइम पर और स्मूथ रखना बहुत ज़रूरी है। कुछ कंपनियां इस मामले में इतने तगड़े हैं कि ग्राहक बिना सोचे-समझे उनसे बार-बार ऑर्डर कर देते हैं। यही है असली 'कस्टमर एक्सपीरियंस' का जादू!

 

2. रिव्यू का पावर: एक फीडबैक, कई फायदा

ग्राहक का फीडबैक सिर्फ फॉर्मेलिटी नहीं होता, बल्कि ये आपके बिज़नेस के लिए एक सोने की खान है। जब ग्राहक आपके प्रोडक्ट या सर्विस का रिव्यू देते हैं, तो आपको पता चलता है कि कहां सुधार की गुंजाइश है। साथ ही, नए ग्राहकों को आपके ब्रांड पर भरोसा भी बढ़ता है।

अब सवाल ये है कि ग्राहकों से रिव्यू कैसे लें? इसके लिए आप ईमेल या फीडबैक फॉर्म का सहारा ले सकते हैं। और हां, कभी-कभी थोड़ा इंसेंटिव भी दे सकते हैं, जैसे "रिव्यू लिखो और अगली बार 10% डिस्काउंट पाओ।" इससे न केवल आपके ब्रांड की साख बढ़ती है, बल्कि ग्राहकों को भी लगता है कि उनकी राय को अहमियत दी जा रही है।

 

3. Cross-Sale Technique: ज्यादा फायदा, बिना ज्यादा मेहनत

Cross-sale का मतलब होता है कि आपने ग्राहक को एक प्रोडक्ट बेच दिया, अब उसे दूसरा भी बेच दो जो उसकी जरूरत के हिसाब से हो। जैसे अगर किसी ने आपके यहां से फोन खरीदा है, तो आप उसे कवर या स्क्रीन गार्ड भी सजेस्ट कर सकते हैं।

ये सिर्फ बिज़नेस को बढ़ाने का तरीका नहीं है, बल्कि इससे ग्राहक को भी लगता है कि आप उसकी जरूरत को समझते हैं और उसकी परवाह करते हैं। जब आप Cross-sale की तकनीक सही से इस्तेमाल करेंगे, तो न सिर्फ आपकी सेल बढ़ेगी, बल्कि ग्राहक का आप पर भरोसा भी मजबूत होगा।

 

4. लॉयल्टी प्रोग्राम: कस्टमर को VIP ट्रीटमेंट देना जरूरी है!

सोचिए, आपको किसी शॉपिंग साइट से हर खरीदारी पर प्वॉइंट्स मिलें, जिन्हें आप बाद में डिस्काउंट में बदल सकते हैं। क्या आपको वहां बार-बार खरीदारी करने का मन नहीं करेगा? बिल्कुल करेगा! इसी को लॉयल्टी प्रोग्राम कहते हैं।

लॉयल्टी प्रोग्राम्स आपके ग्राहकों को स्पेशल फील करवाते हैं। जब ग्राहक को बार-बार खरीदारी पर कुछ फायदा मिलता है, तो वो खुद-ब-खुद आपके पास लौटता है। और यही नहीं, वो अपने दोस्तों को भी आपके ब्रांड की सिफारिश करता है। लॉयल्टी प्रोग्राम्स आपके ग्राहकों को ये महसूस करवाते हैं कि उनका आप पर किया गया भरोसा बेकार नहीं जाएगा।

 

5. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना: कस्टमर के साथ जुड़ने का स्मार्ट तरीका

आजकल सोशल मीडिया हर बिज़नेस का एक अहम हिस्सा बन गया है। सिर्फ फेसबुक या इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको अपने ग्राहकों से वहां भी इंटरैक्ट करना होगा।

माल लीजिए, आपके कस्टमर ने इंस्टाग्राम पर आपके प्रोडक्ट की फोटो डालकर आपको टैग किया, और आपने उसे लाइक या कमेंट कर दिया। यकीन मानिए, इससे उन्हें बहुत अच्छा फील होगा। वो खुद को आपके ब्रांड से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे और आपका फैन बन जाएंगे।

इसलिए, पोस्ट-परचेज स्टेज में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें और अपने ग्राहकों को ये जताएं कि वे आपके लिए खास हैं।

 

6. आफ्टर-सेल्स सर्विस: भरोसे का बेस

पोस्ट-परचेज स्टेज में सबसे बड़ा गेमचेंजर है आपकी 'आफ्टर-सेल्स सर्विस'। अगर आपकी आफ्टर-सेल्स सर्विस दमदार है, तो ग्राहक न केवल आपके प्रोडक्ट से खुश रहेगा, बल्कि भविष्य में भी आपसे खरीदारी करने की संभावना बढ़ेगी।

आफ्टर-सेल्स सर्विस में आता है क्विक कस्टमर सपोर्ट, वारंटी क्लेम्स, और रेगुलर मेंटेनेंस सर्विसेज। ये सब चीजें आपके बिज़नेस को एक अलग पहचान दिलाती हैं और ग्राहकों को यह भरोसा देती हैं कि उनकी प्रॉब्लम्स का समाधान किया जाएगा। यही नहीं, इससे आपकी ब्रांड की इमेज भी मजबूत होती है।

 

7. ईमेल न्यूज़लेटर्स और स्पेशल ऑफर्स

एक और तरीका है ग्राहकों को अपने साथ जोड़े रखने का—ईमेल न्यूज़लेटर्स और स्पेशल ऑफर्स। हर बार जब आप अपने ग्राहकों को कुछ नया बताना चाहते हैं, या उन्हें कुछ स्पेशल ऑफर देना चाहते हैं, तो एक ईमेल न्यूज़लेटर एक अच्छा जरिया होता है।

ईमेल न्यूज़लेटर्स के जरिए आप उन्हें न सिर्फ अपने नए प्रोडक्ट्स या सेवाओं के बारे में बता सकते हैं, बल्कि उन्हें एक्सक्लूसिव ऑफर्स भी दे सकते हैं। इससे ग्राहक को फील होता है कि वह आपके बिज़नेस का एक खास हिस्सा है और उसकी वफादारी को आप सराहते हैं।

 

निष्कर्ष: पोस्ट-परचेज स्टेज को हल्के में मत लीजिए

ग्राहक फनल का पांचवां स्टेज—पोस्ट-परचेज स्टेज—आपके बिज़नेस के लिए गोल्डन चांस है। अगर आप इस स्टेज को सही से हैंडल करते हैं, तो न केवल आपका ग्राहक आपसे खुश रहेगा, बल्कि वो बार-बार आपके पास लौटेगा। पोस्ट-परचेज स्टेज सिर्फ एक प्रोडक्ट या सर्विस बेचने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह ग्राहकों के साथ एक स्थायी और मजबूत रिश्ता बनाने का मौका होती है।

तो याद रखिए, बेच देना तो कोई भी कर सकता है, पर खरीदारी के बाद भी ग्राहक की याद रखना असली मास्टरस्ट्रोक है!

18 Oct

Bindu Soni
Bindu Soni

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