स्टार्टअप इंडिया की पहचान, नए विचारों का सम्मान
जब भी कोई नया बिजनेस शुरू करने का प्लान करता है, तो सबसे पहले उसके दिमाग में ये सवाल आता है कि कंपनी इंकॉर्पोरेशन के बाद क्या करना है? आखिर स्टार्टअप इंडिया रिकग्निशन क्यों जरूरी है? ये वो सवाल हैं, जो हर उद्यमी के दिमाग में चलते हैं। तो चलिए, आपको इसका जवाब दे देते हैं।
स्टार्टअप इंडिया: सिर्फ एक स्कीम नहीं, एक सपोर्ट सिस्टम
स्टार्टअप इंडिया कोई आम सरकारी योजना नहीं है। ये भारत सरकार की एक ऐसी पहल है, जो नए उद्यमियों को सहायता देने के साथ-साथ इनोवेशन को भी प्रमोट करती है। इस पहल के तहत, सरकार नए और उभरते हुए व्यवसायों को कई तरह के बेनिफिट्स देती है। जैसे कि टैक्स में छूट, सरकारी टेंडर्स में आसानी, फंडिंग की सुविधा, और बौद्धिक संपदा (IPR) के संरक्षण में मदद। ये सब कुछ उन लोगों के लिए है, जो कुछ नया करना चाहते हैं, जो अपना बिजनेस खड़ा करना चाहते हैं।
अब सवाल ये है कि आखिर स्टार्टअप इंडिया रिकग्निशन के क्या फायदे हैं और ये इतना जरूरी क्यों है? इसका जवाब ये है कि स्टार्टअप इंडिया रिकग्निशन से आपको सिर्फ एक सरकारी प्रमाणपत्र ही नहीं मिलता, बल्कि ये एक तरह से आपके बिजनेस को एक पहचान देता है। इससे आपको न केवल फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है, बल्कि मार्केट में अपने आप को स्थापित करने के लिए भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने एक नई कंपनी बनाई है, तो उसके बाद आपका अगला स्टेप होना चाहिए स्टार्टअप इंडिया के तहत खुद को रजिस्टर करना।
कौन कर सकता है स्टार्टअप इंडिया में रजिस्टर?
अब ये सवाल उठता है कि आखिर कौन-कौन से बिजनेस स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर कर सकते हैं? इसका जवाब सिंपल है। अगर आपका बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लिएबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) के रूप में इंकॉर्पोरेटेड है, और उसका वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है, तो आप इस स्कीम के लिए एलिजिबल हैं। इसके अलावा, आपकी कंपनी को इंकॉर्पोरेट हुए 10 साल से कम का वक्त होना चाहिए। सबसे जरूरी बात, आपका बिजनेस किसी नए इनोवेशन, डेवलपमेंट या सुधार की दिशा में काम कर रहा होना चाहिए। तो अगर आपकी कंपनी इन क्राइटेरिया को पूरा करती है, तो बिना देर किए आपको स्टार्टअप इंडिया में रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए।
सीड फंडिंग: बिजनेस का फ्यूल
स्टार्टअप इंडिया रिकग्निशन के बाद आपको सिर्फ टैक्स बेनिफिट्स ही नहीं मिलते, बल्कि आपको फंडिंग भी मिलती है। अगर आपके पास कोई इनोवेटिव आइडिया है, जो टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करके स्केलेबल हो सकता है, तो आपको सीड फंडिंग भी मिल सकती है। इसके लिए कुछ चुने हुए इंक्यूबेशन सेंटर्स होते हैं, जो स्टार्टअप्स को सेलेक्ट करके उन्हें फंडिंग प्रोवाइड करते हैं। पहले 20 लाख रुपये की ग्रांट दी जाती है, जिससे आप अपने आइडिया की वैधता साबित कर सकते हैं, प्रोटोटाइप डेवलप कर सकते हैं और प्रोडक्ट ट्रायल कर सकते हैं। इसके बाद, अगर सब कुछ सही रहा, तो आपको 50 लाख रुपये का लोन भी मिल सकता है, जिससे आप अपने बिजनेस को मार्केट में उतार सकते हैं।
टैक्स में छूट: एक बड़ा फायदा
स्टार्टअप इंडिया के तहत आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। अगर आपने 1 अप्रैल 2016 के बाद अपनी कंपनी या एलएलपी बनाई है, और आपको भरोसा है कि अगले 10 सालों में आपका बिजनेस अच्छा मुनाफा कमा सकता है, तो आप इनकम टैक्स की सेक्शन 80 IAC के तहत टैक्स में छूट ले सकते हैं। इसमें आपको अगले 10 सालों में से किन्हीं भी 3 लगातार सालों तक 100% टैक्स छूट मिलती है। सबसे अच्छी बात ये है कि इसके लिए आपको किसी आयकर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। आपको बस स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर जाकर एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें आपको कुछ जरूरी डाक्यूमेंट्स और जानकारी देनी होती है। बस, इतना ही और आपका काम हो गया।
नेटवर्किंग के बेहतरीन मौके
स्टार्टअप इंडिया के तहत आपको सिर्फ टैक्स और फंडिंग की सुविधाएं ही नहीं मिलतीं, बल्कि नेटवर्किंग के भी कई मौके मिलते हैं। आप विभिन्न सेमिनार्स, वर्कशॉप्स और इवेंट्स में हिस्सा लेकर अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकते हैं। ये आपको एक मजबूत नेटवर्क बनाने में मदद करता है, जो आपके बिजनेस के ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी होता है।
समाप्ति
अगर आप भी एक नए उद्यमी हैं और अपने बिजनेस को ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं, तो स्टार्टअप इंडिया रिकग्निशन आपके लिए एक सुनहरा मौका है। ये न केवल आपके बिजनेस को एक पहचान देगा, बल्कि आपको तमाम तरह के सरकारी बेनिफिट्स और सपोर्ट भी दिलाएगा। और सबसे बड़ी बात, ये आपको एक सुरक्षित और सपोर्टिव एनवायरनमेंट में अपने बिजनेस को बढ़ाने का मौका देगा। तो देर किस बात की? अब बस आगे बढ़िए और स्टार्टअप इंडिया के साथ अपने सपनों को साकार कीजिए।
स्टार्टअप इंडिया की पहचान, नए विचारों का सम्मान!
बस इतना ही, और क्या चाहिए?
Bindu Soni
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