आज के दौर में अगर आपका स्टार्टअप है और वो भी खासतौर पर खाद्य, औषधि या फिर कॉस्मेटिक्स से जुड़ा हुआ है, तो आपने "GMP सर्टिफिकेशन" का नाम तो सुना ही होगा। अब सवाल उठता है कि ये GMP आखिर है क्या बला और क्यों हर स्टार्टअप इसे हासिल करना चाहता है?
सीधी बात करें तो GMP का फुल फॉर्म है "Good Manufacturing Practice" यानी कि अच्छा उत्पादन प्रक्रिया। ये सर्टिफिकेशन तब मिलता है जब आपकी कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं में साफ-सफाई, सुरक्षा और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है। मतलब, आपके प्रोडक्ट्स बनाने की पूरी प्रक्रिया ऐसे होनी चाहिए कि आपके कस्टमर्स को मिल सके एकदम सेफ और हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट। खासकर जब बात हो फूड, मेडिसिन, या कॉस्मेटिक्स की, तो GMP सर्टिफिकेशन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
स्टार्टअप्स और GMP सर्टिफिकेशन का रिश्ता:
किसी भी स्टार्टअप के लिए GMP सर्टिफिकेशन मिलना सिर्फ एक कागजी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये एक तरह से "विश्वास की मुहर" है। इसका मतलब होता है कि आपकी कंपनी जो भी प्रोडक्ट बना रही है, वो ग्राहकों की सेहत के लिए सुरक्षित है। इससे न सिर्फ कस्टमर्स का भरोसा जीतते हैं, बल्कि मार्केट में आपकी कंपनी की साख भी बढ़ जाती है।
इमेजिन कीजिए, मार्केट में दो कंपनियां हैं, एक के पास GMP सर्टिफिकेशन है और दूसरी के पास नहीं। आप खुद बताइए, आप किस कंपनी का प्रोडक्ट खरीदना चाहेंगे? जाहिर सी बात है कि आप उस कंपनी का प्रोडक्ट खरीदेंगे जिसके पास GMP सर्टिफिकेशन है। यही वो पॉइंट है जहां से स्टार्टअप्स के लिए GMP सर्टिफिकेशन जरूरी हो जाता है।
Applicability: कौन-कौन कर सकता है GMP सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई?
अब ये सर्टिफिकेशन हर किसी के लिए नहीं है। खासतौर पर ये उन कंपनियों के लिए होता है जो फूड प्रोडक्ट्स, औषधियां, कॉस्मेटिक्स या डायटरी सप्लीमेंट्स बनाती हैं। मतलब कि अगर आपका स्टार्टअप इनमें से कुछ भी बना रहा है, तो आपको GMP सर्टिफिकेशन की जरूरत पड़ सकती है। खासकर, औषधियों के मामले में ये सर्टिफिकेशन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां क्वालिटी और सेफ्टी के स्टैंडर्ड्स का पालन करना जरूरी होता है।
GMP Vs. HACCP Vs. ISO 22000: किसका क्या रोल है?
अब GMP अकेला ऐसा सर्टिफिकेशन नहीं है जो फूड और मेडिसिन कंपनियों के लिए जरूरी है। और भी कई सर्टिफिकेशन हैं जैसे HACCP और ISO 22000। ये तीनों सर्टिफिकेशन अपनी-अपनी जगह अहमियत रखते हैं, लेकिन इनका फोकस थोड़ा अलग होता है।
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GMP बताता है कि खाना बनाने की प्रक्रिया में सफाई और सुरक्षा का कितना ध्यान रखा जा रहा है।
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HACCP (Hazard Analysis and Critical Control Points) उन खतरों को पहचानने और उनसे बचने पर फोकस करता है जो फूड प्रोडक्शन के दौरान आ सकते हैं।
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ISO 22000 एक बड़ा फ्रेमवर्क है जो फूड सेफ्टी मैनेजमेंट के लिए होता है। इसमें HACCP के प्रिंसिपल्स के साथ-साथ खाने के प्रदूषण को कम करने और उसके सोर्स का पता लगाने जैसे पहलू भी शामिल होते हैं।
तो अगर आपकी कंपनी फूड से जुड़ी है, तो आपको इन सभी सर्टिफिकेशन के बारे में भी सोचना चाहिए।
Validity, Renewal और Audit: GMP की लाइफलाइन
अब बात करते हैं GMP सर्टिफिकेशन की वैधता की। ये सर्टिफिकेशन आमतौर पर तीन साल के लिए वैलिड होता है। इसका मतलब ये नहीं कि तीन साल बाद सब खत्म हो जाएगा। तीन साल बाद आपको इसे रिन्यू करना पड़ता है, जिसमें आपकी कंपनी की प्रोडक्शन प्रोसेस का फिर से ऑडिट होता है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक है तो फिर से आपको ये सर्टिफिकेशन मिल जाएगा। इसके अलावा, रेगुलर ऑडिट्स भी होते हैं ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि आपकी कंपनी लगातार GMP के मानकों का पालन कर रही है।
कौन करता है GMP सर्टिफिकेशन?
भारत में GMP सर्टिफिकेशन मुख्य रूप से केंद्रीय और राज्य सरकारों के औषध नियंत्रण विभागों द्वारा किया जाता है। ये विभाग औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत काम करते हैं। इसके अलावा, कुछ प्राइवेट संस्थान भी हैं जो GMP सर्टिफिकेशन प्रोवाइड करते हैं। ये संस्थान इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के हिसाब से सर्टिफिकेशन प्रोसेस करते हैं और इन्हें विभिन्न इंडस्ट्रीज द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।
GMP सर्टिफिकेशन: क्यों जरूरी है?
आजकल की कड़ी प्रतिस्पर्धा में, हर स्टार्टअप चाहता है कि वो अपने ग्राहकों को कुछ बेहतर दे। GMP सर्टिफिकेशन इसी की गारंटी देता है। ये न सिर्फ आपकी कंपनी के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को सुनिश्चित करता है, बल्कि ग्राहकों के दिलों में आपकी कंपनी के प्रति भरोसा भी बढ़ाता है। और जब बात होती है मार्केट में अपनी जगह बनाने की, तो ये सर्टिफिकेशन किसी हथियार से कम नहीं।
इसलिए, अगर आपका स्टार्टअप फूड या मेडिसिन से जुड़ा हुआ है, तो GMP सर्टिफिकेशन आपके बिजनेस के लिए एक "मस्ट" है। ये न केवल आपके प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाएगा, बल्कि आपके बिजनेस की ग्रोथ में भी मदद करेगा।
तो देर किस बात की? जाइए और अपने स्टार्टअप को GMP सर्टिफाइड कराइए और मार्केट में अपनी जगह मजबूत बनाइए!
Bindu Soni
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