जब समय बदल जाता है, सब कुछ बदल जाता है
-- ये बात आजकल के बिजनेस वर्ल्ड पर बिल्कुल फिट बैठती है।
व्यापार में समझौते तोड़ने का समय आ गया है?
भाई, बिजनेस की दुनिया में कब कौन सा मोड़ आ जाए, ये तो भगवान भी नहीं बता सकते। आज की तारीख में अगर आप एक बिजनेसमैन हो, तो आपको अपने पार्टनर्स, चाहे वो सप्लायर हो, फ्रैंचाइजी हो, या आपके डीलर और रिटेलर हों, इनसे समझौते तोड़ने का ख्याल भी आ सकता है। ये फैसला लेना इतना आसान नहीं होता, लेकिन ज़िंदगी में कभी-कभी हमें मजबूरी में ये कदम उठाना ही पड़ता है।
बिजनेस में पार्टनरशिप खत्म करने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। कभी पैसों की तंगी, कभी मार्केट का गेम उल्टा पड़ जाना, या फिर खुद के काम का तरीका बदलने की ज़रूरत। वैसे भी, जब हम कहते हैं कि "जब समय बदल जाता है, सब कुछ बदल जाता है", तो उसी समय हमें ये भी समझ लेना चाहिए कि बिजनेस पार्टनरशिप का अंत भी कभी-कभी जरूरी हो जाता है।
अब बात ये है कि जब आप किसी पार्टनरशिप को खत्म करने की सोच रहे हो, तो सबसे पहले पुराने कागज़ात यानी की एग्रीमेंट्स, नियम-कानून, और शर्तों को ध्यान से पढ़ लो। खासकर वो हिस्से जहां "नोटिस पीरियड" और पैसों का मामला लिखा हुआ हो। यार, जो भी करो वो सही और जायज़ तरीके से करो। कभी भी इस तरीके से पार्टनरशिप खत्म न हो कि बाद में बात करने की नौबत ही न आए। बल्कि, इस पूरे प्रोसेस में ईमानदारी और इज्जत की भावना रखनी चाहिए। इससे क्या होता है कि आपके रिश्ते भी सुधरे रहते हैं और फ्यूचर में फिर से साथ काम करने के चांस बने रहते हैं।
समझौते क्यों टूटते हैं? 4 मुख्य कारणों पर नज़र
अब सवाल ये है कि आखिरकार पार्टनरशिप टूटती क्यों है? सीधी सी बात है, कारण भी बहुत सारे हो सकते हैं। आइए, इस पूरे मसले को चार प्वाइंट्स में तोड़ते हैं:
1. Financial Issues - पैसे की तंगी
पहला और सबसे बड़ा कारण होता है "फाइनेंसियल इश्यूज" यानी कि पैसे की तंगी। जब आपके पार्टनर के पास पैसे कम होने लगते हैं या फिर उसका बिजनेस मॉडल वैसा नहीं होता जैसा आप चाहते हो, तो समझौते पर असर पड़ता है। सोचिए, अगर आपका पार्टनर खुद पैसों की किल्लत से जूझ रहा है, तो आपके साथ वो किस हद तक जुड़ सकता है? इसलिए, समझौता करने से पहले ये देखना जरूरी है कि आपका पार्टनर फाइनेंसियल तौर पर स्ट्रॉन्ग है या नहीं।
2. Lack of Trust - भरोसे की कमी
बिजनेस में एक चीज़ है जो सबसे ज्यादा मायने रखती है, और वो है "भरोसा"। अगर आपका पार्टनर भरोसे के काबिल नहीं है, तो आप कितने भी अच्छे एग्रीमेंट कर लो, वो कामयाब नहीं होगा। सोचिए, अगर आपको अपने पार्टनर पर ये शक हो कि वो आपके पीठ पीछे कुछ गलत कर रहा है या धोखा दे रहा है, तो इस रिश्ते का अंजाम क्या होगा? इसलिए, जब भी किसी के साथ पार्टनरशिप करो, पहले ये देखो कि वो इंसान भरोसेमंद है या नहीं।
3. Mismatched Expectations - उम्मीदों में खटपट
अब आता है तीसरा कारण - "मिसमैच्ड एक्सपेक्टेशंस", मतलब आपकी और आपके पार्टनर की उम्मीदों में असंगति। कई बार ऐसा होता है कि आपकी और आपके पार्टनर की उम्मीदें मेल नहीं खातीं। आपको लगता है कि पार्टनर उतना काम नहीं कर रहा जितना आपको चाहिए या फिर उसकी वर्किंग स्टाइल आपको पसंद नहीं आती। यार, अगर शुरू में ही ये चीजें क्लियर कर ली जाएं, तो बहुत सी गलतफहमियां बच सकती हैं।
4. Changing Market Conditions - बाजार का बदला हुआ रंग-ढंग
अरे भाई, मार्केट में कब क्या बदलाव आ जाए, कोई कह नहीं सकता। कभी-कभी तो ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि जो पार्टनरशिप पहले फायदेमंद थी, अब नुकसान दे रही है। टेक्नोलॉजी का तेजी से बदलना, कस्टमर्स की पसंद-नापसंद का बदलना या फिर नई-नई कम्पनियों का मार्केट में आना, ये सब फैक्टर्स होते हैं। अगर आपका बिजनेस इन चीजों के साथ एडजस्ट नहीं हो रहा, तो समझौते पर असर पड़ेगा। इसलिए, पार्टनरशिप करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पार्टनरशिप भविष्य में होने वाले मार्केट चेंजेज को भी सह सके।
पार्टनरशिप का अंत - नई शुरुआत का मौका
देखो यार, पार्टनरशिप खत्म करना हमेशा बुरा नहीं होता। कई बार ये नए मौके और नई शुरुआत का भी संकेत होता है। हो सकता है कि जिस पार्टनर के साथ आप काम कर रहे थे, उसके हटने से आपको किसी और बेहतर पार्टनर के साथ काम करने का मौका मिले। या फिर हो सकता है कि इस बदलाव के चलते आप अपने बिजनेस को एक नई दिशा दे पाएं।
जब भी पार्टनरशिप खत्म करने का फैसला लो, तो ध्यान रहे कि ये एक सोच-समझकर लिया गया फैसला हो। अपने बिजनेस के हर पहलू पर ध्यान दो – कस्टमर्स की जरूरतें, मार्केट की डिमांड्स, कॉम्पिटिशन का हाल। इन सबको देखते हुए अगर बदलाव की जरूरत हो, तो डरो मत। ये सोचो कि ये बदलाव आपके बिजनेस को आगे ले जाने में कैसे मदद कर सकता है।
कुछ जरूरी बातें
तो कुल मिलाकर, पार्टनरशिप खत्म करना एक जरूरी कदम हो सकता है। लेकिन इसे प्लानिंग और समझदारी से करना चाहिए। ध्यान रहे कि आपका हर कदम आपके बिजनेस को मजबूत बनाने की दिशा में होना चाहिए। याद रखो, दुनिया में बदलाव ही एकमात्र ऐसी चीज है जो हमेशा स्थिर रहती है। जब समय बदल जाता है, तो हमें भी बदलना पड़ता है, और यही बात बिजनेस पर भी लागू होती है।
Bindu Soni
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