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सही टीम चुनने की पहली सीढ़ी: प्री-हायरिंग के स्मार्ट तरीके

सही टीम चुनने की पहली सीढ़ी: प्री-हायरिंग के स्मार्ट तरीके

टीम की पहली सीढ़ी: Pre-Hiring Stage

जब किसी बिजनेस को चलाने की बात आती है, तो एक बात तो तय है - अकेले सबकुछ नहीं हो सकता! एक अच्छी टीम बनाना उद्यमिता की पहली चाबी है। सोचिए, अगर आपकी टीम में सही लोग होंगे तो सफर खुद ही आसान हो जाएगा। पर सही टीम बनाना सिर्फ हायरिंग तक सीमित नहीं है; ये एक ऐसी शुरुआत है जिसमें हर स्टेप अहमियत रखता है। सबसे पहले हम Pre-Hiring Stage की बात करेंगे, यानी उस तैयारी की, जो किसी को हायर करने से पहले होती है।

 

सही लोग, सही सवाल

तो सबसे पहला सवाल - क्या सच में एक नए बंदे की जरूरत है? हम अक्सर काम के बढ़ते प्रेशर में नया हायर कर लेते हैं, पर क्या वो सही डिसीजन है? हर Entrepreneur को ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि हम एक्स्ट्रा हेल्प की पहचान नहीं कर पाते, और जब करते हैं तो ओवरस्टाफिंग की गलती कर बैठते हैं। सो, पहले अपने बिजनेस की जरूरतों को ठीक से समझिए।

दूसरा सवाल - Fresher चाहिए या Experienced? ये भी क्लियर होना चाहिए, क्योंकि दोनो ही तरह के कैंडिडेट्स के अपने-अपने फायदे हैं। तो, हायरिंग के पहले स्टेप में यही डिसाइड करिए कि आपको कौन चाहिए और क्यों चाहिए।

 

Role Clarity: जॉब डिस्क्रिप्शन का जादू

किसी भी हायरिंग प्रोसेस की नींव होती है एक दमदार जॉब डिस्क्रिप्शन। सोचिए, अगर आपको ही ये नहीं पता कि नये बंदे से क्या उम्मीदें हैं तो वो बेचारा कैसे समझेगा? इसलिए, जॉब डिस्क्रिप्शन में हर चीज़ क्लियर रखिए - Role क्या है, Job Responsibilities क्या होंगी, कौन-कौन से Skills चाहिए। यहाँ तक कि Expected Performance और Target भी डाल सकते हैं। एक बेहतरीन Job Description वही होता है जो कंपनी और कैंडिडेट के बीच की सारी expectations को साफ कर देता है।

 

बात पैसों की: हायरिंग का Budget

अब जॉब डिस्क्रिप्शन बनाने के बाद बात आती है बजट की। हाँ भई, हर हायरिंग के साथ एक खर्च जुड़ा होता है। सोचिए - सिर्फ Salary नहीं, बल्कि Training Cost, Benefits और दूसरे hidden खर्चे भी जोड़े जाएंगे। ये सब सोच समझ कर एक Competitive Salary Package बनाना होता है। इससे न केवल अच्छे कैंडिडेट्स अट्रैक्ट होते हैं बल्कि आपके पास आने के बाद टिके भी रहते हैं।

 

पहला कदम: Candidates की Sourcing

सही कैंडिडेट्स तक पहुंचने का सबसे पहला और बड़ा स्टेप होता है - उनकी Sourcing। मतलब, उन्हें ढूंढना। आजकल डिजिटल जमाना है, तो LinkedIn, Facebook और Online Job Portals काफी कारगर साबित होते हैं। पर पुराने तरीके भी कभी-कभी कारगर होते हैं। अपने Contacts, अपने Team Members से पूछिए, हो सकता है किसी के पास अच्छा Reference हो।

थोड़ा innovative बनने से भी फायदा होता है। जॉब फेयर्स में जाएं, इंडस्ट्री इवेंट्स में शामिल हों। यहां ऐसे लोग मिलते हैं जो अपने काम में लगे हुए होते हैं और जो प्रोफेशनली ग्रो करना चाहते हैं।

 

सही चयन प्रक्रिया: Selection Process

अब जब Candidates मिल गए तो अगला स्टेप होता है उनको सिलेक्ट करना। पर ये कोई आसान काम नहीं है। एक टफ लेकिन स्मार्ट Selection Process होना चाहिए। सबसे पहले Resume शॉर्टलिस्ट करें। फिर इंटरव्यू का दौर आता है। पर इंटरव्यू में सिर्फ सवाल-जवाब नहीं, कैंडिडेट के skills और personality को समझना भी जरूरी है।

Group Discussion, Practical Tasks जैसे innovative तरीके भी काम आ सकते हैं। इससे कैंडिडेट की सिचुएशनल स्किल्स और प्रैक्टिकल समझ सामने आती है। और हाँ, Background Check करना भी जरूरी है ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

 

Recruitment में Technology का इस्तेमाल

आजकल सबकुछ डिजिटल है तो हायरिंग में क्यों न इसका फायदा उठाया जाए। मार्केट में कई सारे HR Software और Tools हैं जो Candidate Tracking, Communication और Analysis में मदद करते हैं। इन टूल्स के बिना आजकल हायरिंग प्रोसेस अधूरा लगता है।

LinkedIn Recruiter, Hire by Google और Zoho Recruit जैसे टूल्स से कैंडिडेट्स को ढूंढने में आसानी होती है। इससे टाइम भी बचता है और candidates की जानकारी एक जगह व्यवस्थित भी रहती है।

 

Content और Outreach का जादू

अब जब सबकुछ तैयार है, तो स्टेज में एक और इम्पोर्टेन्ट चीज़ होती है – Content और Outreach। एक सटीक जॉब डिस्क्रिप्शन तो होना ही चाहिए, साथ ही Job Posting को सोशल मीडिया पर ढंग से पोस्ट करना भी जरूरी है। वीडियो का इस्तेमाल करके कैंडिडेट्स को अपनी कंपनी के बारे में जानकारी देना एक smart तरीका है।

इसके अलावा, एक सटीक Checklist बनाना भी जरूरी है। इससे पूरी प्रक्रिया आसान और व्यवस्थित हो जाती है। Introductory Online Sessions भी काफी मददगार साबित होते हैं।

 

इस पूरी प्रक्रिया का मतलब

Pre-Hiring Stage का मतलब सिर्फ लोगों को हायर करना नहीं, बल्कि सही लोगों को सही तरीके से टीम में लाना है। इसके लिए थोड़ा रिसर्च और थोड़ी प्लानिंग की जरूरत होती है। हर स्टेज को धैर्य से पूरा करने पर ही एक Strong Team बनती है।

14 Nov

Bindu Soni
Bindu Soni

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