Accounting & Financial Statement
Applicable to Proprietorship, Partnership, LLP, OPC, Private Limited Company, Limited Company, Nidhi Company, Producer Company, Society, Trust and Section-8 Company
लेखांकन (Accounting) और वित्तीय विवरण (Financial Statement) की पूरी कहानी
लेखांकन (Accounting) को अगर सीधे शब्दों में समझें, तो यह व्यापार के लेन-देन और आर्थिक कामों को ठीक से संभालने और समझने की कला है। ये व्यापार की नींव की तरह है, जो हमें बताती है कि कंपनी की माली हालत और कामकाज कैसा चल रहा है। Accounting एक तरह से Management के लिए Information System का काम करती है। इसके जरिए कंपनियां अपनी वित्तीय स्थिति को अच्छे से पहचान सकती हैं, जिससे उन्हें अपने फैसले लेने में आसानी होती है। वित्तीय विवरण (Financial Statement) की बात करें, तो यह लेखांकन की प्रक्रिया का नतीजा होता है, जो किसी व्यवसाय की आर्थिक जानकारी को एक तरह से सामने रखता है।
ये विवरण निवेशकों, बैंकों और कंपनी के मैनेजमेंट के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। इनमें तीन मुख्य तरह के दस्तावेज होते हैं: बैलेंस शीट (Balance Sheet), लाभ-हानि का ब्योरा (Profit & Loss Account) और नकदी प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)।
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Balance Sheet: बैलेंस शीट ये बताती है कि किसी एक समय पर कंपनी के पास कितनी संपत्ति है, कितनी देनदारी है और उसकी पूंजी क्या है। इससे हमें कंपनी की वित्तीय मजबूती का पता चलता है।
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Profit & Loss Account: लाभ-हानि का ब्योरा, जिसे आय विवरण भी कहा जाता है, यह दिखाता है कि एक खास समय में कंपनी ने कितना कमाया और खर्च किया। इससे हमें कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का अंदाजा लगता है।
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Cash Flow Statement: नकदी प्रवाह विवरण में, हमें पता चलता है कि कंपनी के पास नकदी कहां से और कैसे आ रही है, जैसे कि उसके व्यापार, निवेश, या वित्तीय लेन-देन से।
लेखांकन और वित्तीय विवरण कारोबारी फैसले लेने में मदद करते हैं और बिना एकाउंटिंग किये, बिज़नेस से सम्बंधित Compliances जैसे GST और Tax Filing, को भी समय पर पूरा करना लगभग असंभव है।
Balance Sheet: बिजनेस की हेल्थ रिपोर्ट
Balance Sheet बिजनेस के हेल्थ का एक झलक दिखाती है। इसमें कंपनी के पास क्या-क्या है, कितना कर्ज है, और कितनी पूंजी लगी हुई है, ये सब दिखता है। इससे पता चलता है कि कंपनी कितनी मजबूत है और उसकी आर्थिक स्थिति कैसी है। बैलेंस शीट से हमें बिजनेस की रेपुटेशन का अंदाज़ा होता है, जो निवेशकों और लोन देने वालों के लिए बड़ी बात होती है। इसलिए, ये बिजनेस चलाने और प्लानिंग करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
Profit & Loss Account: कमाई-खर्च का हिसाब
लाभ-हानि विवरण या आय विवरण से हमें पता चलता है कि कंपनी कितना कमा रही है और कितना किस मद में खर्च कर रही है। इसमें कंपनी की कमाई और खर्चे का हिसाब होता है, जिससे पता चलता है कि कंपनी मुनाफे में है या घाटे में। इससे मैनेजमेंट और शेयरधारक समझ सकते हैं कि कंपनी कितनी अच्छी चल रही है। इसी जानकारी से बजट बनता है, बिजनेस की प्लानिंग होती है और फाइनेंस से जुड़े फैसले लिए जाते हैं।
Cash Flow Statement: पैसे की आवाजाही
नकदी प्रवाह विवरण एक कंपनी के पैसे की आवाजाही को दिखाता है। इससे पता चलता है कि पैसा कहाँ से आ रहा है और कहाँ जा रहा है, चाहे वो रोज़ के कामकाज से हो, नई चीज़ें खरीदने से हो, या फिर लोन और निवेश से। इस जानकारी से कंपनी के पैसे की स्थिति का पता चलता है, जिससे वो समझ सकती है कि उसके पास कितना पैसा है, और वो कितनी मजबूत है। यह बात लोन लेने, पैसा लगाने या कंपनी के काम को बेहतर बनाने के फैसले में बहुत काम आती है।
Financial Statements की Audit: सच्चाई की जाँच
वित्तीय विवरणों की जाँच करने का मतलब है ये देखना कि सब कुछ ठीक और सच्चा है कि नहीं। जब जाँच होती है, तब पता चलता है कि कंपनी ने सही तरीके से अपने हिसाब-किताब रखे हैं या नहीं। इससे उनकी जानकारी पर हम भरोसा कर सकते हैं। ये जाँच निवेशकों, बैंकों और दूसरे लोगों को ये समझने में मदद करती है कि कंपनी कैसा काम कर रही है। जब कंपनी समय-समय पर अपने Financial Statements की Audit करवाती है तो उसे अपनी कमियों का पता चलता है जिसे सुधार कर वह अपने सभी Stakeholders का भरोसा जीत सकती है।
लेखांकन: एक ज़रूरी कला
लेखांकन सिर्फ बिजनेस के लिए नहीं, ये एक कला है जो हर छोटे से छोटे व्यापार के लिए जरूरी है। चाहे आप किसी भी प्रकार के बिजनेस में हों – Proprietorship, Partnership, LLP, OPC, Private Limited Company, Limited Company, Nidhi Company, Producer Company, Society, Trust, या Section-8 Company – Accounting की जरूरत हर जगह है। ये आपको आपके बिजनेस की सही स्थिति बताती है, जिससे आप बेहतर फैसले ले सकते हैं।
याद रखिए, बिना लेखांकन के, बिजनेस की दुनिया में आगे बढ़ना लगभग असंभव है। तो, अपनी वित्तीय स्थिति को पहचानिए, सही फैसले लीजिए और अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाइए।
Bindu Soni
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